भारत में कृषि व्यवसाय आमतौर पर गन्ने की फसल को एक मुख्य फसल मानी जाती है।

गन्ने की फसल में बढ़ते दर्जों के कारण, किसानों को अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए नये तरीके अपनाने की आवश्यकता होती है।

इंटर क्रॉपफसल, यानी एक साथ दो या दो से अधिक फसलों की खेती करने की तकनीक, गन्ने की फसल के साथ लगाई जा सकती है।

इंटर क्रॉपफसल लगाने से किसानों को कई लाभ हो सकते हैं। पहले, यह फसल के उत्पादन को बढ़ावा देता है।

गन्ने की फसल के साथ किसान अन्य फसलों को भी उगा सकते हैं, जैसे कि मक्का, गेहूं, और तिल। इससे उनकी खेती का विविधीकरण होता है

वे अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे, इंटर क्रॉपफसल लगाने से भूमि की उपयोगिता भी बढ़ती है। गन्ने की फसल के बाद जब अन्य फसलें उगती हैं,

वे जड़ों को मजबूत करती हैं और मिट्टी की उपयोगिता को बढ़ाती हैं। इससे मिट्टी की निर्धारित खेती की जरूरत कम होती है और उसका लाभ दूसरी फसलों को मिलता है।

इंटर क्रॉपफसल लगाने के लिए किसानों को ध्यान देने योग्य बातें हैं। पहले, फसलों को सही समय पर उगाना चाहिए

वे एक दूसरे की विपरीत अवधि में न लगे। दूसरे, सही खाद और पानी की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि फसलों को पूरी तरह से पोषण मिल सके

तीसरे, कीटनाशकों का सही उपयोग करना चाहिए ताकि कीटों और रोगों का प्रभाव कम हो सके। इस प्रकार, गन्ने की फसल के साथ इंटर क्रॉपफसल लगाने से किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो सकता है। यह तकनीक उनकी खेती को सुरक्षित, सतत और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने में मदद कर सकती है।