Kisan Credit Card : 66 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देगी योगी सरकार, मिलेगा फसली ऋण

66 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देगी योगी सरकार अब तक एक करोड़ 94 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इस बार रबी फसल सीजन में 66 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह के मुताबिक अब तक एक करोड़ 94 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं.

कृषि उत्पादन आयुक्त ने रबी सीजन की रणनीति के दिशा-निर्देशों में कहा है कि खेतों को समतल करने से न केवल उत्पादन लागत में सात प्रतिशत की कमी आती है बल्कि सिंचाई के पानी और उर्वरकों की उपयोग क्षमता में भी वृद्धि होती है. इसी सोच के तहत कृषि यंत्रीकरण की विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को लेजर लैंड लेवलर उपकरण अधिक से अधिक संख्या में उपलब्ध कराये जायेंगे. उन्होंने कहा कि दलहन एवं तिलहन फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन को बढ़ाने के लिए बुन्देलखण्ड को केन्द्र बिन्दु बनाकर कार्य किया जायेगा। इस वर्ष किसानों को रबी सीजन में 94508.56 करोड़ रुपये का फसली ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। पिछले वर्ष 79452.21 करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया गया था।

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि हर जिले के डीएम-सीडीओ रबी सीजन की समय सारिणी के अनुसार किसानों को कृषि इनपुट, बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि संयंत्र आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे. इन सभी के वितरण, बिजली आपूर्ति, डीजल की उपलब्धता, नलकूप नहर से सिंचाई की समय-समय पर समीक्षा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि समस्याओं का समाधान उनके स्तर पर या आवश्यक स्तर पर हो.

इस बार राज्य में रबी की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा 50 हजार हेक्टेयर कम किया गया है. पिछले साल रबी में कुल 97 लाख 63 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी और तीन करोड़ 64 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था. इस बार गेहूं का रकबा 97 लाख 13 हजार हेक्टेयर और उत्पादन का लक्ष्य 30.90 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. इस बार गेहूं की उत्पादकता बढ़ाई जाएगी। पिछले वर्ष गेहूं की उत्पादकता 37.34 क्विंटल प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई थी, इस बार 40.16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है. इस बार रबी में दलहन और तिलहन का रकबा बढ़ाकर अधिकतम उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य भी रखा गया है.

गैर-बैंकिंग उधारदाताओं को 30,000 करोड़ रुपये की विशेष नकद योजनाओं के साथ प्रदान करना

सरकार की ओर से 30 हजार करोड़ रुपए की योजना शुरू की गई है। एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के माध्यम से, गैर-बैंकिंग उधारदाताओं के पास अल्पकालिक तरलता तक पहुंच होगी। भारतीय स्टेट बैंक की सहायक कंपनी होने के अलावा, एसबीआई कैप एसपीवी का प्रबंधक है।

इस विशेष योजना की घोषणा मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। इसके अलावा, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFC) इस नीति के माध्यम से अपनी तरलता की स्थिति में सुधार करने में सक्षम होंगी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को घोषणा की कि योजना के तहत स्थापित एसपीवी पात्र गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं से अल्पकालिक डिबेंचर खरीदेंगे। बिक्री के परिणामस्वरूप, ये ऋणदाता अपने वर्तमान ऋणों को चुकाने में सक्षम होंगे।

वित्त मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस विशेष तरलता योजना को रिजर्व बैंक द्वारा सरकार द्वारा गारंटीकृत प्रतिभूतियों की खरीद के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड ने इन प्रतिभूतियों को जारी करने के लिए एलएसएल ट्रस्ट की स्थापना की है।

ऐसी प्रतिभूतियों से किसी भी समय 30,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की अनुमति नहीं है। सरकार इस ट्रस्ट द्वारा बिना शर्त और बिना शर्त जारी की जाने वाली प्रतिभूतियों की गारंटी देती है। यह योजना मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई, 2020 तक जारी की जाएगी। यह योजना एसएलएस ट्रस्ट द्वारा जारी की जाएगी जिसे एसबीआईसीएपी द्वारा एसपीवी के रूप में स्थापित किया गया है।

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