PM Kisan Yojana 2022 : इन 77 हजार किसानो को नहीं मिलेगा पीएम किसान योजना को फायेदा , अगर पाना चाहते है लाभ जल्दी से करे यह काम

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त 25 सितंबर को जारी होने जा रही है. हालांकि यह पैसा उन किसानों के खाते में आएगा, जिन्होंने ईकेवाईसी करवाया है। बड़ी संख्या में किसानों ने नहीं कराया केवाईसी|

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किसानों को किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए ईकेवाईसी आवश्यक है, लेकिन बड़ी संख्या में किसानों ने अभी तक ईकेवाईसी नहीं की है। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि ईकेवाईसी नहीं कराने वाले किसानों को उनका मानदेय नहीं मिलेगा. इसके लिए विभाग की ओर से प्रयास भी किए गए लेकिन अब तक बड़ी संख्या में किसानों ने ईकेवाईसी नहीं कराया है। 77979 किसानों ने अभी तक ईकेवाईसी नहीं करवाया है।

किसानों को इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ईकेवाईसी कराने के लिए कहा गया था। यह भी बताया गया कि ईकेवाईसी नहीं करने पर सम्मान निधि उनके खाते में नहीं भेजी जाएगी। हालांकि बाद में सरकार ने नरम रुख अपनाते हुए पिछली बार सभी किसानों के खातों में सम्मान निधि भेज दी थी. लेकिन अब जिन किसानों ने ईकेवाईसी नहीं कराया है, उनकी सम्मान निधि पर संकट है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग की ओर से किसानों को लगातार ईकेवाईसी के लिए जागरूक व प्रेरित किया जा रहा है. उन्हें जन सेवा केंद्र पर या अपने मोबाइल के माध्यम से ही ईकेवाईसी कराने के लिए कहा जा रहा है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में किसानों ने ईकेवाईसी नहीं कराया है। अब उनके सम्मान कोष पर संकट है। विभाग के कर्मचारियों ने काफी प्रयास किया लेकिन अब तक शत-प्रतिशत किसान सम्मान निधि पाने वालों ने ईकेवाईसी नहीं करायी है.

यह स्थिति है

  • कुल किसान 244403
  • ईकेवाईसी प्रदाता 166424
  • 77979 ईकेवाईसी के गैर-संचालक

अब घर-घर जाएंगे खेतिहर मजदूर

इटावा। अब कृषि विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर किसान सम्मान निधि प्राप्त किसानों का ईकेवाईसी करेंगे। कृषि विभाग के पास किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले किसानों का डाटा है और उसी के आधार पर अब कृषि विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर किसानों का ईकेवाईसी कर सकेंगे. इस संबंध में उप निदेशक कृषि आरएन सिंह ने बताया है कि यह अभियान 26 सितंबर से शुरू किया जाएगा. विभाग का प्रयास है कि किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले सभी किसानों का ईकेवाईसी किया जा सके।

उप्र राजस्‍व संहिता-2006 की धारा-33 में उत्‍तराधिकार के मामलों में नामांतरण की नि‍म्‍नलिखित प्रक्रिया है:

  • उत्‍तराधिकार द्वारा किसी भूमि पर कब्‍जा प्राप्‍त करने वाला प्रत्‍येक व्‍यक्ति उस हल्‍के के, जिसमें भूमि स्थित है, राजस्‍व निरीक्षक को ऐसे उत्‍तराधिकार के संबंध में यथाविहित प्रपत्र में रिपोर्ट प्रस्‍तुत करेगा।
  • उपधारा (1) के अधीन रिपोर्ट प्राप्‍त करने पर या उसके संज्ञान में अन्‍यथा तथ्‍य आने पर राजस्‍व निरीक्षक यदि मामला विवादग्रस्‍त नहीं है तो ऐसे उत्‍तराधिकार को अधिकार अभिलेख (खतौनी) में अभिलिखित करेगा।

पीएम किसान के लाभार्थी भू-स्‍वामी की मृत्‍यु होने पर निम्‍न प्रक्रिया अपनाई जाएगी:

  • कृषि विभाग के फील्‍ड अधिकारियों को उनके कार्य क्षेत्र का विवरण निर्धारित कर दिया जाए तथा तहसील/विकास खंड को भी प्रेषित कर दिया जाए।
  • संबं‍धित राजस्‍व कर्मी का दायित्‍व होगा कि वह विरासत दर्ज करते ही मृतक का विवरण संबंधित कृषि विभाग के फील्‍ड अधिकारी को भेजे, जिससे उनका भविष्‍य की किस्‍तों का भुगतान रोका जा सके।
  • कृषि विभाग के अधिकारी/फील्‍ड लेवल कर्मचारी नियमित रूप से अपने कार्य क्षेत्र के राजस्‍व कर्मियों/लेखपाल से ये जानकारी प्राप्‍त करेंगे कि उनके क्षेत्र में अनिवार्यत: कितने कृषिक/कृषि भू-स्‍वामियों की मृत्‍यु हुई है।
  • मृतक लाभार्थी के आश्रित भी स्‍वयं मृत्‍यु की सूचना इस आशा के साथ दे सकते हैं कि वारिसों को पीएम किसान के लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया जाए।
  • सूचना प्राप्‍त होने पर मृतक लाभार्थी का जिला स्‍तर पर ही स्‍टॉप पेमेंट संबंधित उप निदेशक, कार्यालय द्वारा किया जाएगा एवं उस प्रकरण का विवरण साक्ष्‍य सहित निदेशालय को भेजा जाएगा।
  • निदेशालय द्वारा ऐसे प्रकरणों का डेटा डिलीट करते हुए उस लाभार्थी का कारणों सहित सूची से नाम हटा दिया जाएगा, जिससे भविष्‍य में उनका भुगतान रुक सके।
  • पीएम किसान योजना की भारत सरकार द्वारा जारी गाइड-लाइन में दी गई व्‍यवस्‍थानुसार मृत लाभार्थी के वैध उत्‍तराधिकारियों को यदि वे योजना की गाइड-इान के अनुसार पात्रता श्रेणी में आते हैं तो समस्‍त औपचारिकताएं तथा अभिलेख आदि का सत्‍यापन कराते हुए राजस्‍व विभाग से पुष्टि एवं संस्‍तुति के उपरांत उनका पीएम किसान योजना के लाभार्थी के रूप में ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा।
  • इसके लिए उत्‍राधिकारियों के आधार कार्ड की प्रतिलिपि, बैंक खाता की प्रतिलिपी व स्‍व-घोषणा प्रपत्र प्राप्‍त किया जाएगा एवं संबंधित राजस्‍व कर्मी से भूमि का सत्‍यापन करते हुए उनका लाभा‍र्थी के रूप में चयन करते हुए सम्मिलित किया जाएगा।
  • आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के संदर्भ में समस्त भूमिधर अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) किसान परिवारों को योजना के तहत लाभ से बाहर रखा गया है।
  • विभाग का लक्ष्य पीएम-किसान के अंतर्गत देश के प्रत्येक पात्र किसान परिवार को पंजीकृत करते हुए 100 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करना है।

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