नई दिल्ली। सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की मृत्यु होने के पश्चात उनके वैधानिक उत्तराधिकारियों को योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
HIGHLIGHTS
- PM Kisan योजना के तहत पात्र किसानों को साल में तीन बराबर किस्तों में धनराशि मिलती है
- किसानों को साल में तीन किस्तों में 6000 रुपये की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में मिलती है
- लाभार्थियों की मौत के बाद उत्तराधिकारियों को योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना के तहत एक वर्ष में तीन समान किश्तों में पात्र किसानों के बैंक खाते में सीधे 6000 रुपये की राशि जमा की जाती है। पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की मृत्यु के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके वैधानिक उत्तराधिकारियों को योजना का लाभ देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कहा गया है कि पीएम किसान योजना के तहत राज्य के 2 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का चयन किया गया है और वे प्रति वर्ष 3 समान किश्तों में योजना का लाभ प्राप्त करने में सक्षम हैं. यह आवश्यक है कि यदि किसी लाभार्थी/कृषि भूमि स्वामी की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी बाद की किश्तों को रोककर उनके स्थान पर केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आवेदन प्राप्त होने पर वारिसों की पात्रता की जांच कर ली जाए। का फायदा उठाना शुरू करें
उप्र राजस्व संहिता-2006 की धारा-33 में उत्तराधिकार के मामलों में नामांतरण की निम्नलिखित प्रक्रिया है:
- उत्तराधिकार द्वारा किसी भूमि पर कब्जा प्राप्त करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उस हल्के के, जिसमें भूमि स्थित है, राजस्व निरीक्षक को ऐसे उत्तराधिकार के संबंध में यथाविहित प्रपत्र में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
- उपधारा (1) के अधीन रिपोर्ट प्राप्त करने पर या उसके संज्ञान में अन्यथा तथ्य आने पर राजस्व निरीक्षक यदि मामला विवादग्रस्त नहीं है तो ऐसे उत्तराधिकार को अधिकार अभिलेख (खतौनी) में अभिलिखित करेगा।
पीएम किसान के लाभार्थी भू-स्वामी की मृत्यु होने पर निम्न प्रक्रिया अपनाई जाएगी:
- कृषि विभाग के फील्ड अधिकारियों को उनके कार्य क्षेत्र का विवरण निर्धारित कर दिया जाए तथा तहसील/विकास खंड को भी प्रेषित कर दिया जाए।
- संबंधित राजस्व कर्मी का दायित्व होगा कि वह विरासत दर्ज करते ही मृतक का विवरण संबंधित कृषि विभाग के फील्ड अधिकारी को भेजे, जिससे उनका भविष्य की किस्तों का भुगतान रोका जा सके।
- कृषि विभाग के अधिकारी/फील्ड लेवल कर्मचारी नियमित रूप से अपने कार्य क्षेत्र के राजस्व कर्मियों/लेखपाल से ये जानकारी प्राप्त करेंगे कि उनके क्षेत्र में अनिवार्यत: कितने कृषिक/कृषि भू-स्वामियों की मृत्यु हुई है।
- मृतक लाभार्थी के आश्रित भी स्वयं मृत्यु की सूचना इस आशा के साथ दे सकते हैं कि वारिसों को पीएम किसान के लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया जाए।
- सूचना प्राप्त होने पर मृतक लाभार्थी का जिला स्तर पर ही स्टॉप पेमेंट संबंधित उप निदेशक, कार्यालय द्वारा किया जाएगा एवं उस प्रकरण का विवरण साक्ष्य सहित निदेशालय को भेजा जाएगा।
- निदेशालय द्वारा ऐसे प्रकरणों का डेटा डिलीट करते हुए उस लाभार्थी का कारणों सहित सूची से नाम हटा दिया जाएगा, जिससे भविष्य में उनका भुगतान रुक सके।
- पीएम किसान योजना की भारत सरकार द्वारा जारी गाइड-लाइन में दी गई व्यवस्थानुसार मृत लाभार्थी के वैध उत्तराधिकारियों को यदि वे योजना की गाइड-इान के अनुसार पात्रता श्रेणी में आते हैं तो समस्त औपचारिकताएं तथा अभिलेख आदि का सत्यापन कराते हुए राजस्व विभाग से पुष्टि एवं संस्तुति के उपरांत उनका पीएम किसान योजना के लाभार्थी के रूप में ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा।
- इसके लिए उत्राधिकारियों के आधार कार्ड की प्रतिलिपि, बैंक खाता की प्रतिलिपी व स्व-घोषणा प्रपत्र प्राप्त किया जाएगा एवं संबंधित राजस्व कर्मी से भूमि का सत्यापन करते हुए उनका लाभार्थी के रूप में चयन करते हुए सम्मिलित किया जाएगा।
- आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के संदर्भ में समस्त भूमिधर अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) किसान परिवारों को योजना के तहत लाभ से बाहर रखा गया है।
- विभाग का लक्ष्य पीएम-किसान के अंतर्गत देश के प्रत्येक पात्र किसान परिवार को पंजीकृत करते हुए 100 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करना है।
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